Yun hi...

अपने सिवा बताओ कभी कुछ मिला भी है तुम्हे
हज़ार बार ली हैं तुमने मेरे दिल की तलाशियां

अपनी तकदीर से पूछ मेरी किस्मत का फैसला
मेरी मुस्कराहट पे न जा, मेरा दर्द तलाश कर

सहमा सिमटा हुआ था हीरा भी  इस सफ़र के बाद
पत्थर-फरोशों की शिद्दतें भी कुछ कम न थी

जो किस्मत में है... उसका इंतज़ार नहीं
हसरत उसकी है जो मेरी औकात में नहीं है

ख्वाबों की दावतें हैं.. अरमानो के मुसलसल जाम
किस्मत से नाउम्मीदी है तो क्या.. खुदा पे ऐतेबार तो है

ना देख इतने रश्क से ये खँडहर जाने जाना 
इमारत होती तो नज़र लग भी सकती थी

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