Meera ...

क्या पाए मीरा,जग न ये जाना, हर साँस पे उसकी,है कान्हा दीवाना .
लोग कहते दिखा, है कहाँ तेरा कान्हा, लगता है न अब तलक,मीरा का रूप जाना.
श्वेत रंग-श्याम रंग मिल गया है जब से, भाता है मीरा को,तन्हा ही मुस्कुराना.
दुनिया रही खोज जिसे,खोजती रहे, मीरामय हुआ कान्हा भी,ये किसने जाना.
नयनन में है रूप बसा,चित्त हुआ एक, कान्हा-कान्हा करते,है मीरा को मिट जाना. 

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