Suno.....

ना चाहत के जज़्बात अलग , ना खुशियों के लम्हात अलग ....
ना गुजरी कोई बात अलग , ना आखों का खुमार अलग ..
ना ग़ज़लों का एहसास अलग , ना लफ़्ज़ों से अहबाब अलग ...
है बात बस लकीरों की ...तेरे हाथ अलग ...मेरे हाथ अलग ...


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