Kal aur aaj ...

बहुत दिनों के बाद पायी फुर्सत ...तो मैंने खुद को पलट के देखा ....मगर वोह जो आईने मैं था ...वोह आदमी अब कहीं नहीं है .......
गुज़र गया वक़्त दिल पे लिख कर ...ना जाने कैसी अजीब बातें ...वरक पलटता हूँ जब दिल के ...वैसे लोग भी कहीं नहीं है ......

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