थोड़ी सी ज़मीन, थोडा आसमान... तिनकों का बस इक आशियाँ
माँगा है जो तुमसे वो ज्यादा तो नहीं है, देने को तो जान दे दें वादा तो नहीं है
कोई तेरे वादों पे जीता है कहाँ, तिनकों का बस इक आशियाँ
मेरे घर के आँगन में छोटा सा झूला हो, सौंधी सौंधी मिटटी होगी लेपा हुआ चूलाह हो
थोड़ी थोड़ी आग होगी थोडा सा धुआं, तिनको का बस इक आशियाँ
थोड़ी सी ज़मीन...
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